Should I change singing scale for Increase Vocal range क्या गले का आवाज़ बढ़ाने के लिए स्केल चेंज करना चाहिए
Many people belive that
Many people belive that for making the voice high we should sing high scale songs and some people also belive that in morning kharaj’s riyaz and in noon patla and in evening raag’s practice and alankar’s practice must be done. Some people change their scale for making their voice high but if u think by doing all this u can make ur voice high, then its a wrong thinking.
How to identify singing scale ?
First of all we should know how to identify our singing scale?
The scale which goes from mandra spatk ‘ma’ to taar spatk ‘ma’ that is your actual scale, it can be also happen that you are not reaching on taar taptak’s ma, but tar spatk’s ‘ga’ is mendatory to sing. Regular riyaz is mandatory,
and You have to very careful about your sur, if you practice palta alankars some months then automatically your voice will improve.
If we practice in a correct way then our voice will automaticly go high and every person has their own type of voice, and every person can singh to their own scale from high ‘ma’! Its also true some expersts go above the sptak like high ‘ma’..and also addes ‘sa’ but for that 20yrs practice it needed .
So just u know only the practice of palta and alankar in its correct way, will increas ur voice high.
बहुत लोग ये मानते हैं
बहुत लोग ये मानते हैं की गले की आवाज़ अगर बढ़ाना हो तो ऊँचा गाना चाहिए या ऊंचे स्केल पे गाना चाहिए, या कुछ लोग ये भी मानते हैं की सुबह में खरज का रियाज़ दोपहर में पलटा और शाम में राग पे आधारित पलटा अलंकार कर रियाज़ करना सही है, या कुछ लोग तो गले का आवाज़ बढ़ाने के किये अपना स्केल ही बदल देते हैं, अगर आपको लगता है की ये सब करने से आपके गले की आवाज़ बढ़ जाएगी और सुरीली हो जाएगी तो ये सोचना आपका बिलकुल गलत है !
अपना स्केल कैसे पहचाना है ?
पहले ये समझते हैं की अपना स्केल कैसे पहचाना है ?
आप जिस स्केल से मन्द्र सप्तक के ‘म’ से लेकर तार सप्तक के ‘म’ तक आवाज़ सही से चली जाती है वही आपका स्केल होता है, ऐसा भी हो सकता है की शुरू शुरू में निचे मन्द्र सप्तक के म तक आवाज़ न जाये और ऊपर के तार सप्तक के म तक भी न जाये पर तार सप्तक के गा तक जाना जरुरी है और निचे मन्द्र सप्तक के ध तक जाना जरुरी है आपकी तो वही आपका स्केल होगा! फिर धीरे रियाज़ करते करते कुछ सप्ताह में निचे म से ऊपर म तक भी चला जाता है आवाज़, पर रियाज़ सही ढंग से होना जरुरी है !
अगर रियाज़ सही ढंग से अपने स्केल पे किया जाये तो आवाज़ खुद ही बढ़ने लगता है, और ये भी जान लीजिये की हर इंसान की अपनी अपनी स्केल होती है और अपनी अपनी आवाज़ की क्वालिटी होती है, और हर इंसान अपने स्केल में ऊपर म तक ही गा सकता है ! हाँ ये बात अलग है की बहुत से उस्ताद लोग तार सप्तक के ऊपर भी चले जाते हैं जैसे ऊपर के म प … और सां भी गा लेते हैं पर उसके लिए बीस सालों का रियाज़ भी चाहिए !
फिलहाल आप यही समझिये की सही ढंग से पलटा अलंकार का रियाज़ करना है एकदम नियमित ढंग से करना है, तो गले का आवाज़ खुद ही दिन ब दिन बढ़ने लगेगा।
क्या गले का आवाज़ बढ़ाने के लिए स्केल चेंज करना चाहिए Should I change singing scale for Increase Vocal range