Does the sweetness of Voice go away due to excessive Riyaz क्या ज्यादा रियाज़ करने से आवाज़ की मधुरता चली जाती है
Many people think
Many people think that by doing more Riyaz, the sweetness of the voice disappears. One thing has to be understood that all singers have different singing. This happens because everyone has worked in different ways.
Difference
The singing of Sunidhi Chauhan and Lata Mangeshkar is not the same, there is a lot of difference between the two. By listening to the song of both, it seems that Lata ji has prepared her throat by doing a lot of practice. Similarly, there is a difference of ground sky between Rafi Sahab and Atif Aslam. All this is amazing of Riyaz and hard work.
Understand one thing
So understand one thing that by practicing more, the throat can never get worse. The more Riyaz we do, the more sweetness will come in the throat. But it is very important to have Riyaz correctly. If Riyaz is done wrongly then its effect will also be wrong. Therefore, practice it properly with a calm mind.
बहुत लोग सोचते हैं
ऐसा बहुत लोग सोचते हैं की ज्यादा रियाज करने से आवाज की मधुरता चली जाती है। एक बात समझना होगा की सभी गायकों की सिंगिंग अलग अलग होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी ने अलग-अलग तरह से मेहनत किया है।
अंतर
सुनिधि चौहान और लता मंगेशकर इन दोनों की गायकी एक समान नहीं है बहुत फर्क है दोनों में। दोनों का गाना सुनने से ही लगता है की लता जी ने बहुत ही ज्यादा साधना करके अपने गले को तैयार किया है। इसी तरह रफी साहब और आतिफ असलम में जमीन आसमान का फर्क है। यह सब रियाज और मेहनत का कमाल है।
एक बात समझ लीजिए
तो एक बात समझ लीजिए कि ज्यादा अभ्यास करने से गला कभी खराब नहीं हो सकता। जितना ज्यादा रियाज करेंगे गले में उतना ज्यादा मधुरता आएगी गायकी आएगी। पर रियाज सही ढंग से होना बहुत जरूरी है। अगर रियाज गलत ढंग से होगा तो उसका प्रभाव भी गलत पड़ेगा। इसलिए शांत मन से सही ढंग से रियाज कीजिए।