Girl Singing scale Boy higher scale fact लड़कियों की आवाज़ पतली फिर भी नीचे के स्केल मे गाती हैं
Question
Many people have question that girls have thin voice so why they can’t go to high scale like boys, why girls practice in the lower scale. This is really very confusing and very hard to find the fact about about singing scale difference in girls and boys. We just know that boy can sing on higher scale and girls can sing on lower scale, but what is the reason we don’t know.
There is a concept
There is a concept that the vocal cord of boys have more gap than the vocal cord of girls, so boys need more frequency to sing than the girls, in other way we can say that girls can easily sing on lower scale with good volume but boys can’t. We see that there are so many problem to sing any song on same scale for boys and girls because of different vocal range between girls and boys. In harmonium you go down or left you will get low frequency or lower scale.
Many people says that who sings high they have a better voice but this is wrong concept. Every one have their own vocal range and they can sing well in their vocal range. After practicing and learning more you will understand the concept of singing scale is different for everyone.
How to find our singing scale ?
You can find your singing scale so easily. For boys, just start to sing ‘SA’ from C sharp (C#) scale, if your voice reached on PA of lower octave and MA of higher octave then this is your scale. It is possible that there is problem to sing MA of higher octave but if your voice is going upto GA of higher octave then it is ok, your voice will reach on MA after practicing some weeks. Same concept for girls to find their singing scale, just start to sing ‘SA’ from A sharp (A#) or B flat scale and follow the upper concept to find your singing scale.
थोड़ा कठिन है समझना
बहुत लोगों का कहना है की लड़कियों का पतला आवाज़ होता है तो फिर वो नीचे के स्केल से क्यूँ गाती हैं ? अगर पतला आवाज़ है तो लड़को से भी उपर के स्केल मे गाना चाहिए।
ये सच मे थोड़ा कठिन है समझना की लड़कियों का स्केल लड़को से अलग क्यूँ होता है और लड़कियों का स्केल लड़को की अपेक्षा नीचे क्यूँ होता है इसका कारण क्या है आइए हम समझते हैं।
वोकल कॉर्ड
लड़को का वोकल कॉर्ड के बीच मे जगह बहुत रहता है पर लड़कियों के वोकल कॉर्ड के बीच कम जगह रहता है इसलिए लड़कियों की आवाज़ पतली होती है, चुकी लड़को के वोकल कॉर्ड के गैप ज़्यादा होने के कारण ज़्यादा फ्रीक्वेन्सी लगता है गाने मे जबकि लड़कियों को गाने के लिए कम फ्रीक्वेन्सी लगता है, इसलिए लड़कियाँ नीचे के स्केल पर भी अच्छी आवाज़ निकलती है।
लड़कों के गले मे ज़्यादा गैप होने के कारण उँचा गाने मे हाइ स्केल लगता है जबकि लड़कियों को उतना उँचा सुर लगाने मे दिक्कत आती है क्यूंकी गले के बीच गैप कम है, उँचा सुर लगाने के लिए वोकल कॉर्ड का ज़्यादा से ज़्यादा खुला होना ज़रूरी है। इसलिए लड़कियों का स्केल नीचे होते भी अच्छी आवाज़ सुनाई देती है और लड़कों का स्केल उछा होते हुए भी समान आवाज़ सुनाई देती है।
ऐसी बात भी नही है की जिसका जितना ज़्यादा उँचा स्केल होगा वो उतना अच्छा गाएगा।
सबका स्केल अपने अपने वोकल कॉर्ड के अनुसार ही होता है।
जैसे लड़कियों का स्केल ‘ब फ्लैट’ होता है लगभग और लड़को कस्कले ज़्यादातर ‘सी शार्प’ होता है।इसका ये मतलब नही की लड़के अच्छा गा सकते हैं, गायकी अपने रियाज़ पे निर्भर करता है, आप जितना ज़्यादा रियाज़ करेंगे गले मे उतना ही ज़्यादा गायकी आएगी।
अपना गाने का स्केल कैसे पता करें ?
अपना स्केल जानने के लिए बहुत ही आसान सा तरीका है,
जिस स्केल मे आपकी आवाज़ मध्य सप्तक के पा तक जाती हो और तार सप्तक के मा तक जाती हो वो आपका स्केल होता है।
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