Riyaz in all three Octaves तीनो सप्तक में रियाज़ कैसे करें
Desire
Often when people hear a singing of many Ustaads (Masters), there is a desire in the heart when we will be able to sing like that. Such desire remains in the minds of all learners.
We have seen many big masters singing from the Sa of Mandra saptak (Lower Octave) to Pa of Taar saptak (Higher Octave) as well as the Sa of Ati Taar Saptak (Above Higher Octave). Seeing this, a question comes to our heart that how will we be able to sing in all three octaves.
Who started Learning
It is very difficult for those who have started learning music, they do not even have to think so. This is possible only after a few years of Riyaz. In the beginning, you just think how the sound will go from Ma of Mandra Saptak to Ma of Taar Saptak.
Palta/Alankar is never performed in all three octaves. The riyaz of Palta/Alankar is done from the Ma of Mantra Saptak to the Ma of the Taar Saptak.
Fact
When we sing the Taans of a raga, then in the middle of singing, we continue to move upwards while singing in the Higher Octave. But do not always do this, if you always try to go above the Higher oactave, then there is a risk of sore throat. Someday, if you do heart, people sing and go to the Pa Dha of Taar Saptak, and likewise, sometimes the Sa of Ati Taar Saptak.
But always keep in mind that the never goes above the Ma of Taar Saptak.
It is only right to think after five years of Riyaz.
इच्छा
अक्सर लोग जब किसी उस्ताद को गाते हुए सुनते हैं तो दिल में इच्छा रहती है हम वैसा कब गा पाएंगे। ऐसी इच्छा सभी सिखनेवालों के मन में रहती है।
बहुत से बड़े उस्तादों को हमने देखा है कि मंद्र के सा से लेकर तार सप्तक के प से भी ऊपर जाते हुए अती तार सप्तक के सा तक गाते हैं। ये देखकर दिल में एक सवाल आता है कि हम तीनो सप्तक में कैसे गा पाएंगे।
जिन्होंने शुरू किया है
जिन्होंने शुरू किया है संगीत सीखना उनके लिए ये बहुत मुश्किल है, उन्हें ऐसा सोचना भी नहीं है। कुछ सालों के रियाज़ के बाद ही ऐसा संभव है। शुरुआत में आप बस ये सोचिए की मंद्र सप्तक के म से तार सप्तक के म तक आवाज़ कैसे जाएगी।
पल्टा/अलंकार का रियाज़ कभी भी तीनो सप्तक में नहीं किया जाता है। पल्टा/अलंकार का रियाज़ मंद्र सप्तक के म से लेकर तार सप्तक के म तक ही किया जाता है।
तथ्य
जब हम किसी राग के तानों को गाते हैं तब गायकी के बीच में तार सप्तक में गाते हुए हम ऊपर की तरफ बढ़ते चले जाते हैं। पर ऐसा हमेशा नहीं करते हैं, अगर आप हमेशा तार सप्तक के म से ऊपर जाने की कोशिश करेंगे तब गला खराब होने का खतरा भी रहता है। किसी दिन दिल किया तो तान गाते गाते तार सप्तक के प ध तक जाते हैं लोग और इसी तरह कभी कभी अति तार सप्तक के सा तक भी चले जाते हैं।
लेकिन एक बात हमेशा दिमाग़ मे रखिए की तार सप्तक के म से उपर कभी नही जाना है।
पाँच साल के रियाज़ के बाद ही ये सोचना सही है।
Singing tips तीनो सप्तक में रियाज़ कैसे करें Riyaz in all three octaves