Can I do riyaz on Taar Saptak at morning क्या सुबह में तार सप्तक पे रियाज़ कर सकते हैं
Riyaz on the Higher octave
Can I riyaz on the Higher octave in the morning ?? This question comes in the minds of many people in the beginning. Often, people think that if the throat is not hot in the morning then there will be difficulty in making the loud vocal, it is difficult to make a loud voice, but in the morning it is not such a thing. Let’s understand;
Yes, it is true
Yes, it is true that in the morning if you try to make a loud voice suddenly it is difficult. The difficulty that occurs in the loud voice is for everyone in the morning. Riyaz needs to be properly corrected to overcome this difficulty. There is a rule of practice to follow, if you do, you will not have such difficulty.
Morning Riyaz
At first, Riyaz of Sa in the morning, then Riyaz of Kharaj, then holding notes are done. After this, the Paltas or Alankars should be practiced. It takes at least 2 hours to get rid of this. Then your throat opens, your voice starts to flow smoothly. Whenever you sit for riyaz, then you should do these riyaz first and then the voice will improve.
तार सप्तक पर रियाज़
क्या सुबह के वक्त तार सप्तक पर रियाज़ कर सकते हैं ?? ये सवाल शुरुआत में बहुत से लोगो के मन में आता है। अक्सर लोग यही सोचते हैं कि सुबह-सुबह तो गला गर्म नहीं रहता है तो ऊंचा स्वर लगाने में कठिनाई होगी, ऊंचा स्वर लगाना मुश्किल होगा सुबह में पर ऐसी बात नहीं है। आइये समझते हैं;
हां, यह बात सही है
हां, यह बात सही है कि सुबह में अचानक से अगर आप ऊंचा स्वर लगाने की कोशिश करेंगे तो मुश्किल होता है। ऊंचे स्वर लगाने में जो कठिनाई होती है सुबह में यह सब के लिए ही होता है। इस कठिनाई को दूर करने के लिए सही तरीके से रियाज़ की जरूरत है। रियाज करने का एक नियम है जिसका पालन अगर आप कीजिएगा तो ऐसी कठिनाई नहीं होगी।
सुबह का रियाज़
सुबह उठ कर सबसे पहले सा का रियाज़, फिर खरज का रियाज़, फिर होल्डिंग नोट्स का रियाज किया जाता है। इसके बाद पलटा या अलंकार का रियाज़ करना चाहिए। इतना रियाज करने में कम से कम 2 घंटे लग जाते हैं। तब जाकर आपका गला खुलता है, आपकी आवाज ऊंचे स्वर पर आसानी से जाने लगता है। जब भी रियाज करने बैठिए तो इतना रियाज़ सबसे पहले करना चाहिए तब जाकर आवाज में सुधार आएगा।
मैं रोज कैसे रियाज़ करता हूँ