Use of Viwadi swar विवादी स्वर का प्रयोग
Viwadi Swar
The forbidden note (warjit swar) of a raga is called the Viwadi swar of that raga. Sometimes a Viwadi swar is used to increase the pigmentation of a raga. But it is used very carefully. Therefore, the Viwadi swar is used partially in any raga so that its use does not spoil the beauty of the raga.
For example: – You can see that in raga Bihag, tivra ‘ma’ and in Chhayanat are used as komal nishad as Viwadi swar.
विवादी स्वर
किसी राग का वर्जित स्वर को उस राग का वीवादी स्वर कहते हैं। कभी-कभी राग की रंजकता बढ़ाने के लिए विवादी स्वर प्रयोग किया जाता है। पर इसकी प्रयोग बहुत सतर्कता पूर्वक किया जाता हैं। इसलिए कोई भी राग में विवादी स्वर का प्रयोग आंशिक रूप में किया जाता हैं ताकि इसके प्रयोग राग की सुंदरता को खराब ना कर दे।
उदहारण में :- देख सकते है कि राग बिहाग में तीव्र ‘म’ और छायानट में कोमल निषाद विवादी स्वर के रूप में प्रयोग किया जाता हैं।