What is Margi and Deshi song मार्गी और देशी संगीत क्या है
Two types of song are mentioned
Two types of song are mentioned, Gandharva and Gaan. The music that the Gandharvas used to play was called the Gandharva geet. He was considered to be similar to the words Pradhan and Vedas. Which is also called Marg or Margi Sangeet. The reason is considered to be the path of salvation. Margi sangeet required strict rules to be followed. Nowadays its circulation has stopped for many years.
Nibaddh gaan and Anibaddh gaan
The music which our musicians have been composing and used for entertainment in the society is called Gaan. The music has changed from time to time as per the interest. There have also been modifications and changes by the musician as needed. Our modern music belongs to this. Gaan is also called Native music. The main two distinctions of Native music are the Nibaddh gaan and the Anibaddh gaan.
The music that is in rhythm is called the Nibaddh gaan and the music which is not the rhythm is called the Anibaddh gaan.
गीत के दो प्रकार बताए गए हैं
गीत के दो प्रकार बताए गए हैं, गंधर्व और गान। जिस संगीत का प्रयोग गंधर्व लोग किया करते थे गंधर्व गीत कहलाता था। उसे शब्द प्रधान तथा वेदों के समान माना जाता था। जिसे मार्ग अथवा मार्गी संगीत भी कहा गया है। कारण उसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। मार्गी संगीत में कठोर नियमों का पालन आवश्यक था। आजकल इसका प्रचलन बहुत दिनों से बंद हो गया है।
निबद्ध गान और अनीबद्ध गान
जिस संगीत की रचना हमारे संगीतज्ञ करते आए हैं और जिसका प्रयोग समाज में मनोरंजन के लिए होता है गान कहलाता है। समय-समय पर रूचि के अनुसार संगीत बदलता रहा है। आवश्यकतानुसार संगीतज्ञ द्वारा संशोधन और परिवर्तन भी होते रहे हैं। हमारा आधुनिक संगीत इसी के अंतर्गत आता है। गान को देशी संगीत भी कहा जाता है। देशी संगीत के मुख्य दो भेद हैं निबद्ध गान और अनीबद्ध गान।
जो संगीत ताल बद्ध होती है उसे निबंध गान कहते हैं और जो संगीत मैं ताल नहीं होता उसे अनिबद्ध गान कहते हैं।