What is Alpatva and Bahutva अल्पत्व और बहुत्व क्या है
Alpatva
The swar which is pronounced in a small amount in the raga is called a Alpatva. For example, in Shankara, dha has to touch only in a little bit in ni dha sa’ ni. Dha is covered in the shadow of Ni and P. This indicates the Alpatva of the swar.
Bahutva
Even if there is no Ansh, the swar on which a large timing is fixed will be called Bahutva. Like in the Desh raga, it is mandatory to stay on the re while performing .ni sa re ma ga re. While re is not its part, it is not the expression of raga by not staying on it. The ragas in which those who get the importance even without the Ansh swar are called Bahutva.
अल्पत्व
जो स्वर राग गान में अल्प मात्रा में उच्चारण किया जाए उसको अल्पत्व कहते हैं। जैसे शंकरा में नि ध सा° नि में ध को छूना मात्र होता है। नि और प की छाया में ध ढका रहता है। यही स्वर का अल्पत्व सूचित करता है।
बहुत्व
अंश ना होने पर भी जिस स्वर पर काफी मात्रा में ठहरा जाए उसको बहुत्व कहा जाएगा। जैसे देश राग में .नि सा रे म ग रे करते समय रे पर ठहरना अनिवार्य है। जबकि रे उसका अंश स्वर नहीं है, तब भी उसपर ना ठहरने से राग की अभिव्यक्ति नहीं होती है। जिन जिन रागों में जो जो स्वर अंश ना होते हुए भी महत्व पाते हैं वह स्वर बहुत्व कहलाते हैं।