What is Grah, Ansh and Nyas ग्रह, अंश और न्यास क्या है
Grah swar
The swar with which the singing of a raga begins – that swar is called the Grah swar.
Swar of Nyas
The swar on which singing – playing is finished is called the swar of the Nyas.
Ansh swar
The swar which is used most in a raga is called the Ansh swar. At present, the Grah and the Nyas swar are not practiced in music, but the Ansh swar is still used, which is popularly known as the Vadi swar.
ग्रह स्वर
जिस स्वर से कोई राग का गायन – वादन शुरू होता है उस स्वर को ग्रह स्वर कहा जाता है।
न्यास स्वर
जिस स्वर पर गायन – वादन ख़तम किया जाता है उस स्वर को न्यास स्वर कहते है।
अंश स्वर
राग में जिस स्वर का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है उस स्वर को अंश स्वर कहलाता है।
अभी कि समय में संगीत में ग्रह और न्यास स्वर का प्रचलन नहीं है लेकिन अंश स्वर की प्रयोग अभी भी होता है,जो वादी स्वर की नाम से प्रचलित है।अंश स्वर को वादी स्वर और प्रधान स्वर भी कहा जाता है।