How to sing higher octave swaras in right pitch तार सप्तक के स्वरों को सुर मे कैसे गाये
Throat Sound
It has often been seen that there is no problem in singing the song in the middle octave. But there is a problem in the throat at higher octave. It is also often seen in the song in Taar Saptak (higher octave) that the throat does not sound right. It only means that Riyaz is not happening correctly.
First understand
It is very important to first understand your scale. After that it is very important to practice correctly everyday. First of all it is very important to have the Riyaz of Holding notes, Riyaz of Kharj, Riyaz of Palta/Alankar. The throat will not open suddenly on the higher octave. After 2 hours, the throat will easily go into the high octave.
Riyaz
If even after a few months of Riyaz, the throat is not going up to the Ga and Ma of the Taar Saptak, it means that you have to lower your scale slightly. Palta/Alankar and Gamak Riyaz is prepared correctly by making the throat properly. Initially everyone has a problem, but after a few months, the throat starts to go easily in the higher octave.
गले का आवाज़
अक्सर ऐसा देखा गया है कि मध्य सप्तक में गाना गाने में कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन जैसे ही तार सप्तक में गाते हैं गले में समस्या होने लगती है। तार सप्तक में गाने में अक्सर ऐसा भी देखा गया है कि गला सही सुर में नहीं लगता। ऐसी कोई भी समस्या जिससे तार सप्तक में गाना गाने में दिक्कत होती हो तो इसका एक ही मतलब है कि रियाज सही ढंग से नहीं हो रहा है।
ये समझना ज़रूरी है
सबसे पहले अपने स्केल समझना बहुत जरूरी है। उसके बाद रोज सही ढंग से अभ्यास करना बहुत जरूरी है। सबसे पहले होल्डिंग नोट्स, खरज का रियाज़, पल्टा/अलंकार का रियाज़ होना बहुत जरूरी है। गला अचानक से तार सप्तक पर नहीं खुलेगा। घंटे 2 घंटे के बाद ही गला तार सप्तक में आसानी से जाने लगेगा।
रियाज़
अगर कुछ महीनों के रियाज़ के बाद भी गला तार सप्तक के ग और म तक नहीं जा रहा है इसका मतलब है आपको अपने स्केल थोड़ा नीचे करना पड़ेगा। सही ढंग से पल्टा अलंकार और गमक का रियाज करके अपने गले को तैयार किया जाता है। शुरू शुरू में सभी को समस्या होती है पर कुछ महीने रियाज करने के बाद गला तार सप्तक में आसानी से जाने लगता है।